Hindi Diwas 2023: जाने क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस? जानिए इसका इतिहास और महत्व
Hindi Diwas 2023: भारत का संविधान किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं देता है। लेकिन अनुच्छेद 343 के अनुसार देवनागरी लिपि में हिंदी भारत में केंद्र सरकार और संघ की आधिकारिक भाषा है। हिंदी, एक इंडो-आर्यन भाषा, अंग्रेजी और मंदारिन चीनी के बाद विश्व स्तर पर सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। कई रिपोर्टों के अनुसार, दुनिया भर में 600 मिलियन लोग एक-दूसरे से संवाद करने के माध्यम के रूप में हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं।
जानिए हिंदी दिवस कब मनाया जाता है
भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी को अपनाने के उपलक्ष्य में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। जिसे हिंदी दिवस के नाम से भी जाना जाता है.
हिंदी दिवस मनाने के पीछे का इतिहास
भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया। पहला हिंदी दिवस आधिकारिक तौर पर 14 सितंबर, 1953 को मनाया गया। हिंदी को आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाने के पीछे का कारण बहुभाषी राष्ट्र में प्रशासन को सरल बनाना था। हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाने के लिए कई लेखकों, कवियों और कार्यकर्ताओं द्वारा भी प्रयास किये गये।
महत्त्व
हिंदी दिवस मनाने के पीछे एक कारण देश में अंग्रेजी भाषा के बढ़ते चलन और हिंदी की उपेक्षा को रोकना है। आपको बता दें कि महात्मा गांधी ने भी हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था. हिंदी दिवस पर देशभर में कई साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें लोग हिंदी साहित्य की महान कृतियों का जश्न मनाते हैं। राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार भी हिंदी दिवस पर मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू), राष्ट्रीयकृत बैंकों और नागरिकों को उनके योगदान और हिंदी को बढ़ावा देने के लिए दिए जाते हैं। 14 सितंबर को हिंदी दिवस के महत्व को लेकर स्कूलों और कॉलेजों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
हिंदी हिंदुस्तान की केवल मातृभाषा नहीं बल्कि ज्ञान, गुण, सरलता का खान है, ये हमारे भारत की शान और पहचान है.