Ranya Rao गोल्ड स्मगलिंग केस: पूरी कहानी, जांच, कानूनी कार्रवाई और ताज़ा अपडेट
कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में कई चमकते सितारों में से एक नाम था रान्या राव (Ranya Rao)। फिल्मों में अपनी एक्टिंग और ग्लैमरस लाइफस्टाइल के लिए मशहूर रान्या, मार्च 2025 में एक ऐसे मामले में फँस गईं जिसने न केवल फिल्म इंडस्ट्री बल्कि पूरे देश को हिला दिया। यह मामला था सोने की तस्करी (Gold Smuggling) का, जिसमें करोड़ों रुपये के सोने, हवाला नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन्स का खुलासा हुआ।
इस आर्टिकल में हम Ranya Rao Gold Smuggling Case से जुड़ी गिरफ्तारी से लेकर सजा, जांच एजेंसियों की कार्रवाई, राजनीतिक हलचल और सोशल मीडिया प्रतिक्रिया तक की पूरी जानकारी देंगे।
Ranya Rao gold smuggling case गिरफ्तारी की पूरी कहानी
मार्च Ranya Rao gold smuggling case 2025 की शुरुआत में, बेंगलुरु के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की टीम ने एक टिप-ऑफ के आधार पर कार्रवाई की।
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फ्लाइट दुबई से आई थी।
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रान्या राव के पास से 14.2 किलोग्राम सोना बरामद हुआ।
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बरामद सोने की कीमत करीब ₹12.56 करोड़ आंकी गई।
जांच आगे बढ़ी तो बेंगलुरु स्थित उनके घर पर छापा मारा गया, जहाँ से:
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₹2.06 करोड़ का सोना
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और करीब ₹2.67 करोड़ नकद मिला।
कुल मिलाकर, बरामदगी का मूल्य ₹17.29 करोड़ से अधिक था।
Ranya Rao ED investigation DRI और ED की संयुक्त कार्रवाई
DRI की भूमिका
DRI ने पाया कि रान्या राव ने पिछले कुछ महीनों में कई बार दुबई की यात्राएं की थीं। रिपोर्ट्स के अनुसार:
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उन्होंने मात्र कुछ महीनों में 27 यात्राएं की थीं।
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यात्राओं का पैटर्न और साथ में पाए गए दस्तावेज़ तस्करी की ओर इशारा करते थे।
ED की एंट्री
मनी लॉन्ड्रिंग के शक में ED (Enforcement Directorate) ने इस मामले में दखल दी।
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ED ने ₹34 करोड़ की संपत्ति जब्त की।
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इसमें बेंगलुरु और टुमकुर स्थित फ्लैट, जमीन, बैंक खाते और अन्य निवेश शामिल थे।
Ranya Rao COFEPOSA Punishment के तहत सख्त कार्रवाई
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, सरकार ने COFEPOSA Act लागू किया।
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यह कानून विशेष रूप से विदेशी मुद्रा नियंत्रण और तस्करी की रोकथाम के लिए बनाया गया है।
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इस एक्ट के तहत रान्या राव को एक साल की सजा सुनाई गई।
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COFEPOSA के प्रावधानों के तहत जमानत का विकल्प नहीं दिया गया।
Ranya Rao DGP father reinstated पारिवारिक और राजनीतिक हलचल
इस केस का एक और बड़ा पहलू यह है कि रान्या राव के पिता के. रामचंद्र राव कर्नाटक पुलिस में वरिष्ठ अधिकारी हैं।
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केस के खुलासे के बाद उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया था।
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हाल ही में उन्हें DGP (Directorate of Civil Rights Enforcement) पद पर पुनः बहाल किया गया।
यह फैसला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना और कई नेताओं ने सरकार पर सवाल उठाए।
हवाला नेटवर्क और ज्वेलर कनेक्शन
जांच में यह भी सामने आया कि इस तस्करी में एक ज्वेलर साहिल जैन की अहम भूमिका थी।
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उसने रान्या राव को लगभग 49.6 किलोग्राम सोना डिस्पोज करने में मदद की।
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इस सोने की अनुमानित कीमत ₹40 करोड़ थी।
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हवाला के जरिए पैसे का लेन-देन किया गया।
Ranya Rao arrest news सोशल मीडिया और इंडस्ट्री रिएक्शन
सोशल मीडिया पर बहस
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ट्विटर (X) और इंस्टाग्राम पर #RanyaRaoGoldSmugglingCase ट्रेंड करने लगा।
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कुछ लोगों ने इस घटना को फिल्म इंडस्ट्री की साख पर धब्बा बताया।
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वहीं, कुछ ने कहा कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए।
फिल्म इंडस्ट्री का रुख
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कई निर्माता और निर्देशक ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।
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कुछ ने निजी तौर पर निराशा जताई है लेकिन पब्लिक बयान देने से बच रहे हैं।
कानूनी लड़ाई और भविष्य की संभावनाएं
रान्या राव की कानूनी टीम ने कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की थी, लेकिन COFEPOSA एक्ट के तहत यह नामुमकिन साबित हुआ।
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अब मामला हाई कोर्ट और संभवतः सुप्रीम कोर्ट तक जाने की संभावना है।
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ED और DRI दोनों इस केस को ‘हाई प्रोफाइल’ मानकर जांच आगे बढ़ा रही हैं।
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निष्कर्ष
Ranya Rao gold smuggling case सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे एक ग्लैमरस दुनिया से जुड़ी शख्सियत भी कानून के शिकंजे में आ सकती है। यह मामला अंतरराष्ट्रीय तस्करी, हवाला नेटवर्क, और कानून की सख्ती का उदाहरण बन चुका है।
आने वाले दिनों में इस केस से जुड़े और भी खुलासे हो सकते हैं, लेकिन एक बात तय है — यह मामला लंबे समय तक मीडिया और जनता की चर्चा में रहेगा।