Soil Health Card 2023 Scheme: मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में आज ही करे ऑनलाइन आवेदन
Soil Health Card 2023 Scheme: देश के किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिये जायेंगे। यह एक तरह से रिपोर्ट कार्ड है जो मिट्टी की गुणवत्ता और उत्पादक क्षमता के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा इस कार्ड के जरिए फसल उगाने की क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी पैरामीटर और विस्तृत जानकारी दी जाएगी.
जानिए क्या है इस पोस्ट में
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Soil Health Card 2023 Scheme: यह योजना भारत के किसानों को लाभ देने के लिए शुरू की गई है। यह योजना भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में शुरू की गई थी, जिसके तहत भूमि की मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करना और अच्छी फसल प्राप्त करना था।
Soil Health Card 2023 Scheme के तहत किसानों को स्वास्थ्य कार्ड भी उपलब्ध कराये जायेंगे। आज इस लेख में हम आपको मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी देने जा रहे हैं, साथ ही हम इस योजना के लाभों और विशेषताओं के बारे में भी चर्चा करने जा रहे हैं ताकि किसान इसके आधार पर फसलों की खेती कर सकें और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का लाभ उठाएं।। इस योजना का मुख्य कारन मिट्टी की गुणवत्ता का है।
Soil Health Card Scheme 2023 – Overview
Name of Scheme | Soil Health Card Scheme |
Name of Post | सोइल हेल्थ कार्ड |
Beneficiaries | Farmes of India |
Mode of Apply | Online |
Official Website | Click Here |
Soil Health Card 2023 Scheme
Soil Health Card Scheme 2023 के तहत केंद्र सरकार एक स्वास्थ्य कार्ड जारी करेगी जो किसानों को 3 साल के लिए प्रदान किया जाएगा। यह हेल्थ कार्ड उनके खेतों की गुणवत्ता को देखते हुए 3 साल में केवल एक बार जारी किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा पूरे भारत के किसानों के लिए हेल्थ कार्ड जारी किया जाने वाला है। फिलहाल इस कार्ड को देश के 14 करोड़ किसानों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस योजना का उद्देश्य
Soil Health Card Scheme का मुख्य उद्देश्य किसानों को अपनी भूमि को उपजाऊ और स्वस्थ बनाने तथा अधिक से अधिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है। हेल्थ कार्ड एक प्रकार का रिपोर्ट कार्ड है जो किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता और खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा जिसके माध्यम से किसान अधिक और तेजी से फसल उगा सकेंगे और अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकेंगे।
इस योजना के तहत किसानों को फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें मिट्टी के स्वास्थ्य और गुणवत्ता के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को कम लागत पर अधिकतम उपज पैदा करने में मदद करना भी है।
सॉइल हेल्थ कार्ड में दर्ज की जाने वाली कुछ जानकारी इस प्रकार हैं
- मृदा स्वास्थ्य
- उत्पादन क्षमता
- पोषक तत्वों की उपस्थिति या अनुपस्थिति
- मिट्टी की नमी की मात्रा
- अन्य पोषक तत्व
- खेतों की गुणवत्ता में सुधार के संबंध में उचित निर्देश
Components of Soil Health Card Scheme
Soil Health Card- देश के किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जाएगा. यह एक तरफ़ा रिपोर्ट कार्ड है जो मिट्टी की गुणवत्ता और उत्पादक क्षमता के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा इस कार्ड के जरिए फसल उगाने की क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी पैरामीटर और विस्तृत जानकारी दी जाएगी.
हेल्थ कार्ड के माध्यम से न केवल मिट्टी की नमी का पता लगाया जाएगा, बल्कि मिट्टी के अंदर मौजूद अन्य पोषक तत्वों और मिट्टी के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी भी इसमें प्रदान की जाएगी। जब किसानों को इसके बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान की जाएगी तो वे आसानी से अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा सकेंगे और कम लागत में अधिक से अधिक फसलें उगाएंगे और अधिक आय प्राप्त करेंगे।
मृदा विश्लेषण के लिए प्रशिक्षण SAUs/ICAR जैसे संस्थानों के माध्यम से 20 प्रतिभागियों का एक बैच बनाया जाएगा और मृदा रसायनज्ञ छात्रों और जेआरएस को मृदा विश्लेषण से संबंधित जानकारी दी जाएगी और मृदा विश्लेषण में प्रशिक्षित किया जाएगा। मृदा रसायन विज्ञान के छात्रों को मिट्टी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी, जो इस योजना को सफलतापूर्वक चलाने में बहुत उपयोगी साबित होगी।
पोषक तत्वों के संबंध में वित्तीय सहायता केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और अन्य कृषि कॉलेजों के विशेषज्ञों की एक टीम किसानों को मिट्टी से संबंधित सलाह और जानकारी से संबंधित कई कार्यक्रम आयोजित करेगी। इन सभी कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को मिट्टी से संबंधित जानकारी दी जाएगी, जिसमें मिट्टी के पोषक तत्व, मिट्टी की नमी, मिट्टी में मौजूद आवश्यक तत्व और मिट्टी को उपजाऊ बनाने से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी दी जाएगी ताकि किसान अधिक से अधिक फसल पैदा कर सकें। इन सभी कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा.
राज्य द्वारा SAUs/ICAR संस्थानों के सहयोग से तकनीकी और लाइन स्टाफ के लिए क्षमता निर्माण और नियमित निगरानी और मूल्यांकन अभिविन्यास का आयोजन किया जाएगा और संतुलित पोषण और आहार से संबंधित उनके प्रशिक्षण और ज्ञान की सुविधा के लिए विभिन्न राज्यों में कुछ समन्वय समितियां भी बनाई जाएंगी। ये समितियां पोषक तत्वों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेंगी। जो किसान पोषक तत्वों के लिए वित्तीय सहायता चाहते हैं, उनका इन समितियों द्वारा पंजीकरण किया जाएगा।